नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 2030 तक भारत में हर साल 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होने की संभावना है। इससे लगभग 5 करोड़ नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
भारतीय ऑटोमोटिव बाजार
गडकरी ने यह बात दिल्ली में चल रहे EV EXPO 2023 में कही। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार है और इस क्षेत्र में 12.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों से पर्यावरण को भी फायदा होगा।
गडकरी ने कहा कि “आज भारत दुनिया में 30 प्रतिशत फॉसिल फ्यूल की खपत करता है और हमारी ज्यादातर निर्भरता आयात पर ही है। हम तकरीबन 16 लाख करोड़ रुपये केवल पेट्रोल-डीजल और क्रूड ऑयल के आयात पर खर्च कर रहे” हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर का 85 प्रतिशत जरूरतें केवल आयातित फॉसिल फ्यूल से ही पूरी होती हैं।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर
गडकरी ने कहा कि हम ट्रांसपोर्ट सेक्टर को डी-कॉर्बनाइज करने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रहे हैं। इस प्रयास में लो-इमिशन ट्रांसपोर्ट जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन ट्रांसपोर्टेशन के लिए सबसे बेहतर उपयोगी, सुरक्षित और क्लीन हैं।
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इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड
गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। वाहन डाटा के अनुसार अब तक भारत में 34.54 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी देश में बढ़ रही है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2030 तक देश में हर साल तकरीबन 1 करोड़ EV की बिक्री होगी और इससे लगभग 5 करोड़ जॉब्स यानी कि रोजगार शुरू होंगे।
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में रोजगार के अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला होगी। इसमें वाहन निर्माण, बैटरी निर्माण, चार्जिंग स्टेशन निर्माण, रखरखाव और सेवाएं आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।