में टेक्स देता हु आप 30% टैक्स देते हो क्या तो आपके इनकम का 1/3 भाग सरकार को जाता है इसका मतलब है आप एक साल में 4 महीने सरकार के लिए काम कर रहे है इनकम टैक्स भरते समय सब की जलती है लेकिन दुनिया में कुछ देश है जो 0 इनकम टैक्स चार्ज करते हैं लेकिन फिर विकाशशील और विकसित भी दिखते हैं ऐसे 0 टैक्स या क्लोज to जीरो टैक्स वाले देश पैसे ज्यादा कैसे कमाते है अपने सिटीजंस को अच्छी सड़क अच्छा हेल्थ केयर और क्वालिटी ऑफ लाइफ कैसे दे पाते है
भारत भी इनकम टैक्स हटाकर एक जीरो टैक्स देश बन सकता हे क्या
क्या भारत भी इनकम टैक्स हटाकर एक जीरो टैक्स देश बन सकता है चलिए जानते हैं आज के इस आर्टिकल में है
1. टैक्स हेवनस होते क्या जीरो टैक्स नेशंस को टैक्स हेवनस कहा जाता है जो अपने रेजिडेंस के साथ फॉरेनर से भी टैक्स नहीं चार्ज कर दे टैक्स फ्री देश में इन देश का नाम आता है लेकिन इस लिस्ट में कुछ सरप्राइजिंग एंट्रीज भी है ऐसे देश जो डेवलप देश मैन जाते हैं जहां की क्वालिटी ऑफ लाइफ दुनिया की सबसे बेस्ट मानी जाती है लॉजिक यह है की कुछ देश मानते हैं की हमें फॉरेन इन्वेस्टमेंट की जरूर टैक्स से कई ज्यादा अगर फॉरेन से लोग यहां आएंगे देखेंगे की यहां पर टैक्स कम है और यहां इन्वेस्ट करेंगे तो फिर यहां बिज़नेस बढ़ेंगे तरक्की होगी
अमेरिका के ऐसे स्टेट जहा लगते हे दो टैक्स
2.अमेरिका की कुछ स्टेटस भी ऐसा ही करते हैं अमेरिका में एक नहीं दो-दो इनकम टैक्स है फेडरल टैक्स जो सेंट्रल गवर्नमेंट चार्ज करती है और स्टेट टैक्स जो स्टेट गवर्नमेंट जांच करती है कुछ स्टेटस होते हैं जहां स्टेट टैक्स जीरो होते हैं तो कंपनी अपने हैडक्वाटर्स इन स्टेटस में शिफ्ट करता है पर EX. टेस्ला फैक्ट्री टैक्स में जहां स्टेट टैक्स नहीं है ऐसे ही कुछ जुगाड़ लगाकर टेस्ला जैसी बड़ी कंपनी भी टैक्स नहीं भरती एप्पल और फेसबुक जैसी कंपनी तो इसे एक और स्टेप आगे ले जाती है वो अपने सारे प्रॉफिट आयरलैंड में लेती है ताकि तो वहां के रिलैक्स टैक्स लॉस का फायदा ले सके इस पूरे ट्रांजैक्शन में कंपनी का या फिर लोगों का क्या फायदा है ये तो ओबवियस है उनका टैक्स बचत है लेकिन एक देश का या फिर एक स्टेट का क्या फायदा है आइये समझते हैं इस आर्टिकल में की टैक्स देश पैसे कैसे कमाते हैं आपका समझना में आसानी हो
टैक्स फ्री देशो के नाम
3.हमने इन देश को तीन कैटिगरीज में बंता है गल्फ नेशंस आयरलैंड नेशंस और वेस्टर्न नेशंस गर्ल्स देश पैसे कैसे कमाते हैं गलती देश यानी वो देश जो मिडिल ईस्ट में बेस्ड है इनमें यूएई सऊदी अरब कतर कुवैत बहरीन ओमान जैसे देश शामिल है ये देश अपने नेशनल्स और फॉरेन वर्कर्स से इनकम टैक्स नहीं लेते इन फैक्ट या इन्हेरिटेंस टैक्स भी नहीं लेते और कैपिटल गैस टैक्स भी चार्ज नहीं होते इंपॉर्टेंट बात ये है की ये देश इंडिविजुअल्स के इनकम्स पर कोई टैक्स नहीं लगाते यानी अगर आप किसी कंपनी में एंप्लॉय हो तो आपकी सैलरी पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा यूएई और सऊदी अरब तेल एक्सट्रैक्शन बिजनेस से अपने बुक रेवेन्यू कमाते हैं सऊदी अरब तेल एक्सट्रैक्शन बिजनेस को 50% तो 85% ऑफ प्रॉफिट की बेसिस को टैक्स करता
कितने % लगता ह टैक्स
4.यानी अगर एक कंपनी का इनकम ₹375000 हे यानी कुछ 85 लाख से ज्यादा है तो उन पर 9 % इनकम टैक्स लगेगा फिर भी ये भारत के 25% कॉरपोरेट टैक्स से काफी लोग हैं और भारत तो फॉरेन कंपनी को 40% टैक्स लगता है थोड़ा टेस्ला जैसे कंपनी डायरेक्टली भारत में आना ही नहीं पाएंगे गर्ल्स देश का लॉजिक सिंबल है जो बिज़नेस तेल रिलेटेड कुछ कम करते हैं वहां पर पैसा सबसे ज्यादा तो उनको टैक्स करो बाकी लोगों को सहूलियत दे दो इनकम टैक्स के अलावा और भी टैक्स होता है बहरीन में अगर आप रेंटल इनकम कमाते हैं तो 7 से 10% टैक्स लगता है शादी में रियल स्टेट ट्रांजैक्शंस पर 5% टैक्स है और यूएई में फॉरेन बैंक 20% टैक्स पे करते हैं की डायरेक्टली सिटिजन टैक्स नहीं देते लेकिन इन वन वे और उन अदर यह देश भी कंपनी से टैक्स कलेक्ट करते ही है आज की घड़ी में कई मिडल्स की कंट्रीज का इनकम बहुत ज्यादा है और पापुलेशन बहुत कम इसीलिए ये देश स्थापना गुजर कम टैक्स में कर सकते हैं यह देश डेमोक्रेसी नहीं है डिक्टेटरशिप और रॉयल फैमिलीज बहुत रिच है तो वो अपने पॉकेट से एंबिशियस प्रोजेक्ट्स फंड कर सकते हैं सऊदी का न्यू और दुबई का बुर्ज खलीफा इसका परफेक्ट एग्जांपल हे