क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन लेना अब मुश्किल होगा, RBI ने नियमों में किये बड़े बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के बारे में जानकारी :-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 18 नवंबर, 2023 को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के नियमों को सख्त कर दिया है। इस कदम से इन दोनों प्रकार के लोन लेना पहले से अधिक मुश्किल हो जाएगा।
RBI ने क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट रिस्क वेटेज को 25% बढ़ाकर 125% कर दिया है। इसका मतलब है कि अब बैंकों और NBFCs को इन दोनों प्रकार के लोन के लिए 25% अधिक पूंजी अलग रखनी होगी।
इससे पहले, क्रेडिट कार्ड के लिए क्रेडिट रिस्क वेटेज 100% और पर्सनल लोन के लिए 100% था। यानी, 1 लाख रुपये का क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन देने के लिए बैंकों को 1 लाख रुपये की पूंजी अलग रखनी पड़ती थी। अब, उन्हें 1.25 लाख रुपये की पूंजी अलग रखनी होगी।
इस कदम से बैंकों और NBFCs के पास क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन देने के लिए कम पूंजी बचेगी। इससे इन दोनों प्रकार के लोन की उपलब्धता कम हो जाएगी।
RBI ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है। इस वजह से इन दोनों प्रकार के लोन के डिफॉल्ट का जोखिम भी बढ़ गया है।
RBI का मानना है कि नियमों को सख्त करने से क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के डिफॉल्ट का जोखिम कम होगा। इससे बैंकों और NBFCs के वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूती मिलेगी।
इस कदम के निम्नलिखित प्रभाव हो सकते
* क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोहैं:न की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
* क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन की उपलब्धता कम हो सकती है।
* क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन लेने के लिए अधिक कड़े मानदंड लागू हो सकते हैं।
ग्राहकों के लिए यह कदम कुछ हद तक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन, यह कदम लंबे समय में उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के डिफॉल्ट का जोखिम कम होगा और बैंकों और NBFCs के वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूती मिलेगी।
कौन से ग्राहक प्रभावित होंगे?
RBI के इस कदम से वे ग्राहक सबसे अधिक प्रभावित होंगे जो क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के लिए पहले से ही उच्च जोखिम वाले वर्ग में आते हैं। इनमें वे ग्राहक शामिल हैं जिनके पास कम आय या अस्थिर आय है, या जिनका क्रेडिट स्कोर कम है।
इसके अलावा, वे ग्राहक भी प्रभावित हो सकते हैं जो क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का अधिक से अधिक उपयोग करते हैं। इन ग्राहकों के लिए अब लोन प्राप्त करना अधिक मुश्किल हो सकता है और ब्याज दरें भी अधिक हो सकती हैं।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
ग्राहकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का उपयोग करना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे लोन की किश्तों का समय पर भुगतान कर सकें।
ग्राहकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन महंगे हो सकते हैं। इसलिए, उन्हें लोन लेने से पहले विभिन्न विकल्पों की तुलना करनी चाहिए और सबसे अच्छा विकल्प चुनना चाहिए।
निष्कर्ष
RBI के इस कदम से क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन की उपलब्धता और लागत दोनों पर असर पड़ेगा। यह कदम लंबे समय में क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के डिफॉल्ट का जोखिम कम करने में मदद कर सकता है।