Insurance:- आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी को देखते हुए कब किसके सामने मुश्किल हालात आ जाएं, किसी को नहीं पता और ना ही इसके बारे में कोई जानता है. इसलिए परिवार को वित्तीय सुरक्षा देना बहुत ही जरूरी है. ऐसे में इंश्योरेंस आपके लिए सुरक्षा कवच का काम करता है और अगर आपके पास इंश्योरेंस प्लान है तो आपकी आर्थिक चिंता थोड़ी कम जरूर हो जाती है. लेकिन इंश्योरेंस भी कई प्रकार के होते हैं जैसे कि लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस. इन सभी तरह के इंश्योरेंस में सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन होता है कि कौन सा इंश्योरेंस सबसे ज्यादा जरूरी है
और आपको बता दें कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस, फाइनेंशियल प्लानिंग के सबसे अहम पहलुओं में हैं, और यहां भी फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स यही सलाह देते हैं कि टर्म इंश्योरेंस प्लान, कमाई शुरू होने के बाद जितनी जल्दी ले लिया जाए, उतना बेहतर है. इसकी कई वजह हैं आइए आपके के इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं आपको बताते हैं कि क्या है टर्म इंश्योरेंस, ये लाइफ इंश्योरेंस से कितना अलग है और इसे खरीदते समय किन बातों का खयाल रखना चाहिए.
क्या है लाइफ इंश्योरेंस
Life Insurance पॉलिसी जीवन को कवरेज देने का काम करता है. इसमें अगर इंश्योर्ड व्यक्ति के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना होती है और उसमें उसकी मृत्यु हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी की ओर से उसके नॉमिनी या परिवार के सदस्यों को आर्थिक मदद के तौर पर डेथ और मैच्योरिटी बेनेफिट दोनों मिलते हैं. आपको बता दें कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस, फाइनेंशियल प्लानिंग के सबसे अहम पहलुओं में हैं, और यहां भी फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स यही सलाह देते हैं कि टर्म इंश्योरेंस प्लान, कमाई शुरू होने के बाद जितनी जल्दी ले लिया जाए, उतना बेहतर है. इसकी कई वजह हैं
- आप जिस उम्र में अपनी पॉलिसी खरीदते हैं, उस उम्र में आपका प्रीमियम तय होता है जो सारी उम्र समान रहता है.
- हर साल उम्र बढ़ने के साथ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम 4 से 8% तक बढ़ जाता है, इसलिए बेहतर है कि जल्दी पॉलिसी लें और प्रीमियम लॉक कर लें.
- अगर पॉलिसी होल्डर को कोई बीमारी हो तो ज्यादा उम्र में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर उसका प्रीमियम डेढ़ से दो गुना तक बढ़ सकता है
ये बात ध्यान रखने की है कि आम तौर पर टर्म इंश्योरेंस प्लान में पॉलिसी होल्डर के परिवार को बीमा की रकम तभी मिलती है, जब पॉलिसी पीरियड के दौरान पॉलिसी होल्डर की मौत हो जाए. पॉलिसी पीरियड खत्म होने के बाद पॉलिसी होल्डर के जिंदा रहने की स्थिति में टर्म इंश्योरेंस प्लान में कोई रकम नहीं मिलती.
ऐसे में दोस्तों आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि फिर टर्म प्लान क्यों लिया जाए, मनी बैक या एंडोमेंट प्लान क्यों नहीं?
सबसे पहले तो इस सवाल का जवाब ये है कि फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक इंश्योरेंस का मकसद परिवार को वित्तीय सुरक्षा चक्र देना है, इसलिए इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट को मिक्स नहीं करना चाहिए. इन्वेस्टमेंट के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी से बेहतर कई और विकल्प हैं, उन्हें चुना जाए.
क्या है टर्म इंश्योरेंस
Term Insurance एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज देती है. ऐसे में यदि बीमित व्यक्ति की मृत्यु पॉलिसी की अवधि के दौरान हो जाए तो तो कवर की राशि नामांकित व्यक्ति को एकमुश्त दी जाती है. इससे परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिल जाती है. टर्म इंश्योरेंस में लाइफ इंश्योरेंस की तरह मैच्योरिटी रिटर्न नहीं मिलता है.अब आपको बताते हैं कि टर्म इंश्योरेंस के फायदे क्या हैं?
टर्म इंश्योरेंस के फायदे
कम प्रीमियम– टर्म इंश्योरेंस प्लान में आपको बेहद कम प्रीमियम में ज्यादा लाइफ कवर मिलता है. 35 साल के व्यक्ति को अगर 60 साल तक की उम्र के लिए 1 करोड़ रुपए का टर्म प्लान , तो उसे करीब 14 हजार रुपए सालाना प्रीमियम देना होगा. अब एंडाओमेंट प्लान में इसी चीज का सालाना प्रीमियम होगा करीब साढ़े पांच लाख रुपए.
पूरी जिंदगी का कवर:– टर्म इंश्योरेंस प्लान में काफी लंबा लाइफ कवरेज मिलता है. कई प्लान में तो इंश्योरेंस कंपनियां 99 साल की उम्र तक का कवरेज देती हैं.
सम इंश्योर्ड का भुगतान:- पॉलिसी होल्डर की मौत के बाद परिवार को सम इंश्योर्ड का भुगतान एकमुश्त भी हो सकता है या फिर मासिक या सालाना इनकम के रूप में. भुगतान के तरीके को पॉलिसी लेने के दौरान ही तय करना होता है.
टैक्स बेनेफिट– लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर चुकाए गए प्रीमियम पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. इस छूट की अधिकतम सीमा है सालाना डेढ़ लाख रुपये.